नदी में डूबते हुए आदमी ने,
पुल पर चलते हुए आदमी को,
आवाज लगाई-बचाओ, बचाओ,
पुल पर चलते आदमी ने नीचे,
रस्सी फेंकी और कहा आओ.
नदी में डूबता हुआ आदमी,
रस्सी नहीं पकड़ पा रहा था,
रह-रहकर चिल्ला रहा था,
मैं मरना नहीं चाहता,
जिन्दगी बड़ी मंहगी है,
कल ही तो एक MNC कम्पनी में,
मेरी नौकरी लगी है.
इतना सुनते ही पुल पर चलते,
आदमी ने रस्सी वापस खींच ली,
और भागते-भागते वह MNC कम्पनी गया,
उसने वहां के HR को बताया कि,
अभी-अभी एक आदमी डूब कर मर गया है,
और इस तरह आपकी कम्पनी में एक
जगह खाली कर गया है...
मैं बेरोजगार हूं मुझे ले लो,
HR बोली दोस्त तुमने देर कर दी,
अब से कुछ देर पहले ही हमने,
उस आदमी को लगाया है,
जो उसे धक्का देकर,
तुमसे पहले यहां आया है...
Thursday, November 30, 2006
Tuesday, November 28, 2006
कागज की कश्ती...
बूंदों से बना हुआ छोटा सा समन्दर,
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चल ढूंढे बारिश में बचपन का साहिल,
हाथ में लेकर एक कागज की कश्ती...
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चल ढूंढे बारिश में बचपन का साहिल,
हाथ में लेकर एक कागज की कश्ती...
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