क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है
क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता
Tuesday, May 29, 2007
Thursday, December 14, 2006
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
Thursday, November 30, 2006
आज की दुनिया......
नदी में डूबते हुए आदमी ने,
पुल पर चलते हुए आदमी को,
आवाज लगाई-बचाओ, बचाओ,
पुल पर चलते आदमी ने नीचे,
रस्सी फेंकी और कहा आओ.
नदी में डूबता हुआ आदमी,
रस्सी नहीं पकड़ पा रहा था,
रह-रहकर चिल्ला रहा था,
मैं मरना नहीं चाहता,
जिन्दगी बड़ी मंहगी है,
कल ही तो एक MNC कम्पनी में,
मेरी नौकरी लगी है.
इतना सुनते ही पुल पर चलते,
आदमी ने रस्सी वापस खींच ली,
और भागते-भागते वह MNC कम्पनी गया,
उसने वहां के HR को बताया कि,
अभी-अभी एक आदमी डूब कर मर गया है,
और इस तरह आपकी कम्पनी में एक
जगह खाली कर गया है...
मैं बेरोजगार हूं मुझे ले लो,
HR बोली दोस्त तुमने देर कर दी,
अब से कुछ देर पहले ही हमने,
उस आदमी को लगाया है,
जो उसे धक्का देकर,
तुमसे पहले यहां आया है...
पुल पर चलते हुए आदमी को,
आवाज लगाई-बचाओ, बचाओ,
पुल पर चलते आदमी ने नीचे,
रस्सी फेंकी और कहा आओ.
नदी में डूबता हुआ आदमी,
रस्सी नहीं पकड़ पा रहा था,
रह-रहकर चिल्ला रहा था,
मैं मरना नहीं चाहता,
जिन्दगी बड़ी मंहगी है,
कल ही तो एक MNC कम्पनी में,
मेरी नौकरी लगी है.
इतना सुनते ही पुल पर चलते,
आदमी ने रस्सी वापस खींच ली,
और भागते-भागते वह MNC कम्पनी गया,
उसने वहां के HR को बताया कि,
अभी-अभी एक आदमी डूब कर मर गया है,
और इस तरह आपकी कम्पनी में एक
जगह खाली कर गया है...
मैं बेरोजगार हूं मुझे ले लो,
HR बोली दोस्त तुमने देर कर दी,
अब से कुछ देर पहले ही हमने,
उस आदमी को लगाया है,
जो उसे धक्का देकर,
तुमसे पहले यहां आया है...
Tuesday, November 28, 2006
कागज की कश्ती...
बूंदों से बना हुआ छोटा सा समन्दर,
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चल ढूंढे बारिश में बचपन का साहिल,
हाथ में लेकर एक कागज की कश्ती...
लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती,
चल ढूंढे बारिश में बचपन का साहिल,
हाथ में लेकर एक कागज की कश्ती...
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